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सर्दियों के 10 विशेष आहार



खाना-पीना हमेशा मौसम के अनुसार हो तो शरीर के लिए अत्यंत फायदेमंद रहता है। सर्दियों का मौसम सेहत बनाने का होता है। इस समय हमारा डाइजेशन सिस्टम पूरी क्षमता से काम करता है। अर्थात इस मौसम में हमारी पाचन शक्ति बढ़ जाती है। इसलिए सर्दी के मौसम में खानपान खास होना चाहिए। इस समय सभी लोग गरिष्ठ भोजन जैसे तला भुना, परांठे, समोसे, पकौड़े, कचैड़ियाँ, खूब घी, मक्खन , ड्राई फ्रूट , पिन्नी आदि लेना पसंद करते हैं लेकिन यह उचित नहीं है आपको संयमित भोजन करना चाहिए अगर आप गरिष्ठ भोजन करते है तो आपको इसके साथ खूब कसरत भी करनी चाहिए और भारी भोजन दिन के समय में ही लेना चाहिए रात में नहीं। बदलते मौसम के अनुसार अपने शरीर को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए हमें अपने भोजन में फेरबदल करने चाहिए। हम जैसा भोजन करते हैं, उसका असर हमारे तन व मन दोनों पर होता है। सर्दियों में हमें अपने खाने में चावल-गेहूं के अलावा बाजरा, मक्का, ज्वार आदि भी शामिल करना चाहिए। यह ना केवल पौष्टिक होते है बल्कि इनके सेवन से हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। इनमें विटामिन, प्रोटीन, फाइबर और आइरन बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है।

यहाँ पर हम आपको सर्दियों के 10 विशेष आहार बता रहे है जिनका उपयोग करने से आप ना केवल पूरे वर्ष स्वस्थ ही बने रह सकते है बल्कि आप पर उम्र का असर भी नजर नहीं आएगा।

1. हरी सब्जियांः-
हरी सब्जियां सर्दियों के मौसम में सेहत के लिए बहुत अच्छी मानी जाती हैं। सर्दियों के मौसम में पालक, सरसो, बथुए का साग, मेथी और गोभी आदि का नित्य प्रयोग करना चाहिए। इनमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। इसमें आयरन, कैलशियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम खूब होता है। इन सब्जियों में फाइबर भी प्रचुर मात्रा में होता है। हरी पत्तेदार सब्जियां हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाती हैं। इनका रोज सेवन करने से डायबिटीज का खतरा कई गुना कम हो जाता है। हरी सब्जियाँ हमारी आंखों के लिए भी बेहद लाभदायक होती हैं और यह कैंसर के रोकथाम में कारगर हैं। नित्य हरी सब्जियाँ लेने से जोड़ो का दर्द भी दूर होता है। हरी सब्जियां सभी उम्र के लोगो को अनिवार्य रूप से लेनी चाहिए ।

2. आंवला:-
आवँले को आयुर्वेद में अमृत फल कहा गया है। आंवला सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। आँवले में दो संतरे के जितना विटामिन सी होता है। विटामिन सी को अच्छा एंटी ऑक्सिडेंट माना जाता है, इसलिए आंवला खाने का सबसे बड़ा फायदा यही है कि इसे लेने वाला जल्दी बूढ़ा नहीं होता है। इसमें शुगर कम होती है और फाइबर अधिक होता है, इसलिए इसे प्रतिदिन खाने से पाचन तंत्र मजबूत और स्वस्थ बनाता है यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। आँवला शरीर में मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, इससे शरीर से वजन कम होता है। आँवला हमारी आँखों के लिए अत्यधिक फायदेमंद है। आंवला लीवर को भी मजबूत करता है इसके सेवन से शरीर का रक्त भी साफ होता है। आंवला त्वचा और बालों के लिए भी अच्छा है। आँवला असमय बाल पकने की समस्या को दूर करता है। आंवला कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी सहायक है। सर्दियों के दिनों में रोज कच्चे आंवले का सेवन करने से दाँत बहुत मजबूत हो जाते है साथ ही शरीर में ऊर्जा का संचार भी होता है। इसलिए आँवले नियमित रूप से सेवन करना चाहिए ।


3. तिल:-
तिल गुणों की खान है। विशेषकर सर्दियों में तिल का सेवन हमारे शरीर के लिए अत्यंत लाभदायक होता है। सर्दियों में तिल व तिल का तेल दोनों का ही सेवन अवश्य ही करना चाहिए। आयुर्वेद में तिल गरम, भारी, स्निग्ध, कफ-पित्त-कारक, बलवर्धक, बालो के लिए हितकारी, स्तनों में दूध उत्पन्न करने वाला, मलरोधक और वातनाशक माना जाता है। हमारे देश में प्राचीन काल से ही सर्दियों में तिल को खाने की परंपरा है। तिल में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, ऑक्जेलिक एसिड, अमीनो एसिड, विटामिन बी, सी तथा विटामिन ई प्रचुर मात्रा होता है। काले तिल व सफेद तिल दोनों ही लाभदायक है। इन दोनों का औषधीय रूप में भी प्रयोग किया जाता है। सर्दियों में तिल के सेवन से शरीर के बहुत से रोग दूर होते हैं। तिल के तेल से नित्य मालिश करने से त्वचा मुलायम और चमकदार होती है। शरीर में रक्त का संचार बेहतर होता है। सर्दियों में तिल और गुड़ दोनो को समान मात्रा में लेकर उसके लड्डू बना ले। फिर नित्य 2 बार 1-1 लड्डू दूध के साथ खाने से तनाव, मानसिक दुर्बलता एवं कमजोरी दूर होती है शरीर को शक्ति मिलती है। सांस फूलना बंद हो जाता है। तिल के इन लड्डुओं लगातार 2 माह तक सेवन करने से बुढ़ापा दूर रहता है। मुहाँसों, कमर दर्द, बदन दर्द, पेट दर्द, सुखी खाँसी, खूनी और पुरानी बवासीर, कब्ज, शरीर के घाव, सूजन, त्वचा, बालो और बार बार पेशाब आने की परेशानियों आदि में यह राम बाण का काम करता है। प्रतिदिन रात्रि में तिल को खूब चबा चबाकर खाने से दाँत मजबूत होते हैं। तिल के गजक, रेवड़ियाँ और लड्डू आदि सर्दियों में शरीर को ऊष्मा प्रदान करते हैं।

4. ड्राई फ्रूट्स:-
सर्दियों में ड्राई फ्रूट्स अर्थात सूखे मेवों का अवश्य ही सेवन करें। सूखे मेवो में एनर्जी और पोषक तत्व भरपूर होते हैं। मेवो में मौजूद तत्व शरीर को बिमारियों से दूर करके उसे रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं। ड्राई फ्रूट्स में ओमेगा 3 एसिड, प्रोटीन, फाइवर, फॉलिक एसिड, विटामिन ई , विटामिन बी 6, कैल्शियम, मैग्नीशियम आदि भरपूर मात्रा में होता है। ड्राई फ्रूट्स में ओमेगा 3 एसिड होता है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के साथ ही अलजाइमर आदि बीमारियों से भी बचाता हैं। इनमें विटामिन ई भी होता है। सूखे मेवो में ओलिक और पेल्मि टोलिक एसिड विधमान होता हैं, जो एलडीएल अर्थात खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करके एचडीएल अर्थात अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता हैं। अखरोट, काजू , बादाम , पिस्ता आदि हमारे, दिल, दिमाग, आँखों, बालो, हड्डियों और त्वचा के लिए अत्यंत लाभदायक है। इनके सेवन से कैंसर जैसे घातक रोगो से भी बचाव होता है।

5. गाजर:-
सर्दियों में गाजर का अवश्य ही सेवन करें। गाजर आसानी से उपलब्ध होने वाला सस्ता और बहुत ही अच्छा आहार है। गाजर खाने से हमारी रोग प्रतिरोधक छमता बढती है। गाजर में विटामिन ए प्रचुर मात्रा में होता है इसलिए यह हमारी त्वचा और आँखों के लिए दैवीय वरदान है। गाजर में बीटा कैरोटीन होता है जो कि पुरषों के लिये बहुत आवश्यक है। गाजर पीलिया की प्राकृतिक औषधि है। इसका सेवन ब्लड कैंसर और पेट के कैंसर में भी लाभदायक है। गाजर खाने से पुरुषो की प्रजनन शक्ति बढ़ती है। नित्य गाजर का सेवन करने से हमारा पाचन तंत्र ठीक तरीके से काम करता है। गाजर ह्रदय के लिए भी लाभदायक है इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती है और गठिया में भी लाभ मिलता है। गाजर को रक्त शोधक भी कहते है। गाजर का सेवन करने से पेशाब खुल कर आता है। नित्य गाजर के जूस का सेवन करने से आँखों की रौशनी बढ़ती है दिल मजबूत होता है, रंग गोरा होता है और त्वचा में भी चमक आती है। गाजर का सलाद, आचार, मुरब्बे, हलुवे और जूस आदि किसी भी रूप में सेवन सेवन अवश्य करना चाहिए।

6. बाजरा:-
कुछ अनाज ऐसे है जो सर्दी में शरीर को ज्यादा गर्मी देते है। उनमें सबसे प्रमुख अनाज बाजरा है। सर्दी के दिनों में बाजरे की रोटी जरूर खानी चाहिए। बाजरे में बहुत से स्वास्थ्यवर्धक गुण होते है। दूसरे अनाजों की अपेक्षा बाजरा में सबसे ज्यादा प्रोटीन की मात्रा होती है। जिससे स्वास्थ्य ठीक रहता है। बाजरा में शरीर के लिए बहुत से आवश्यक तत्व जैसे फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैग्नीज, ट्रिप्टोफेन, विटामिन-बी, एंटीऑक्सीडेंट आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। बाजरे की रोटी या टिक्की आदि खाने से शरीर का ठण्ड से बचाव होता है ।

7. अदरक:-
अदरक हमारी रसोई में विशेष स्थान रखता है। अदरक का प्रयोग सब्जियों के बनाने में होता है, वैसे तो इसको साल भर ही लेना चाहिए लेकिन सर्दियों में अदरक का सेवन किसी ना किसी रूप में अवश्य ही करना चाहिए। अदरक की तासीर गर्म होती है जाड़े में इसके सेवन से सर्दी, जुकाम, खाँसी और साँस सम्बन्धी परेशानियों से बचाव होता है। अदरक के सेवन से पाचन तंत्र ठीक से काम करता है और ठण्ड लगने की सम्भावना कम हो जाती है। अदरक पेट की परेशानियाँ, सर्दी, कफ, गठिया, जोड़ो के दर्द, माइग्रेन, ह्रदय रोग, अस्थमा, मधुमेह और कैंसर जैसे रोगो में विशेष लाभकारी है। अदरक को ओवरी कैंसर, स्तन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और कोलोन कैंसर के इलाज में भी बहुत लाभदायक माना गया है। अदरक को मधुमेह के बचाव और उपचार दोनों में बहुत असरकारी माना गया है। अदरक के तत्व ग्लूकोज को स्नायु कोशिकाओं तक पहुंचाने की प्रक्रिया बढ़ा सकते हैं। इससे उच्च रक्त शर्करा स्तर को काबू किया जा सकता है। शोधो से पता चला है कि अदरक मधुमेह पीड़ित के लिवर, किडनी और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को सुरक्षित करता है। अदरक मोतियाबिंद का खतरा भी कम करती है। सर्दियों में अदरक के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर और ह्रदय रोग से भी बचाव होता है। अदरक के सेवन से शरीर की सूजन भी कम होती है और मासिक धर्म की परेशानियों में भी कमी आती है।

8. शहद:-

शहद को आयुर्वेद में अमृत कहा गया है। शहद के सेवन से शरीर स्वस्थ, सुन्दर, निरोग और उर्जावान बनता है। वैसे तो सभी ऋतुओं में शहद के सेवन से लाभ मिलता है, लेकिन सर्दियों में तो शहद का प्रयोग बहुत गुणकारी होता है। सर्दियों में गुनगुने दूध में रोजाना एक चम्मच शहद डालकर लेने से शरीर में चुस्ती फुर्ती बनी रहती है। मांसपेशियाँ बलवान होती है। सर्दियों में त्वचा रूखी हो जाती है इसमें शहद बहुत ही अच्छे माश्चराइजर का काम करता है। शहद आंखों की रोशनी बढ़ाने, अस्थमा, रक्त शोधन, दिल को मजबूत करने और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में बहुत उपयोगी है। शहद के सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ती है और मोतियाबिंद जैसी बीमारियाँ भी दूर होती है। रोज शहद के सेवन से पेट साफ रहता है। प्रतिदिन एक चम्मच शहद को टमाटर या संतरे के रस के साथ लेने से कब्ज दूर होती है। शहद को पानी में मिलाकर कुल्ले करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं। दांत के दर्द में रूई के फाहे को शहद में भिगोकर दर्द वाली जगह पर रखने से शीघ्र आराम मिलता है। सर्दियों में कफ जमा होने पर शहद और प्याज के रस को समान मात्रा में लेने से सारा कफ निकल जाता है और आँतों में जमीन विषैले तत्व भी साफ हो जाते है। अदरक के रस और शहद को समान मात्रा में लेने से खाँसी और साँस सम्बन्धी परेशानियाँ दूर हो जाती है। सर्दियों में लोग गर्म वस्तुओं का सेवन करना पसंद करते है लेकिन शहद को अधिक गर्म पानी, गर्म दूध के साथ नहीं लेना चाहिए। लेकिन शहद को गर्म करके या तपा कर नहीं लेना चाहिए। शहद में दूध या घी की समान मात्रा विष का कार्य करती है। शहद को माँस मछली के साथ भी कदापि नहीं लेना चाहिए और घी मक्खन के साथ शहद का सेवन भी विष के समान है ।

9. मूंगफली:-
सर्दियों के मौसम में अगर आपने मूंगफली का सेवन नहीं किया तो सर्दियाँ का मजा ही नहीं लिया। मूंगफली को गरीबो का बादाम कहते है लेकिन यह है गुणों की खान। इसके सेवन से ठण्ड से बचाव होता है और शरीर को ऊर्जा मिलती है। मूँगफली एक बेहतरीन एंटी एक्सीडेंट है। इसमें प्रोटीन, विटामिन ई, विटामिन बी 3, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन बी काम्प्लेक्स अच्छी मात्रा में पाया जाता है। मूंगफली के सेवन से तनाव, अवसाद कम होता है और त्वचा भी खूबसूरत होती है। मूँगफली खाने से दिमाग भी तेज होता है। गर्भवती महिलाओं के लिए मूँगफली बहुत उत्तम होती है। मूंगफली खाने से बैड कॉलेस्ट्रॉल कम होता है। सर्दियों में नित्य कम से कम 50 ग्राम मूंगफली का अवश्य ही सेवन करें, लेकिन मूंगफली का एक साथ बहुत अधिक सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इनमें ऊर्जा की मात्रा अधिक होती है। दिल व बीपी के मरीजों को अधिक नमकीन या तली हुई मूंगफली का सेवन नहीं करना चाहिए।

10. सर्दियों में गुड़:-
गुड और चीनी दोनों ही गन्ने के रस से बनते हैं। लेकिन चीनी बनने पर उसके आइरन तत्व, पोटेशियम, गंधक, फासफोरस और कैल्शियम आदि सभी आवश्यक तत्व नष्ट हो जाते हैं लेकिन गुड़ में ये सभी तत्व पूर्णतया मौजूद होते हैं। गुड़ विटामिन ए और विटामिन बी का बेहतर स्त्रोत है। गुड़ को प्राकृतिक मिठाई कहते है। गुड़ में कई ऐसे लाभकारी गुण होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। गुड़ को सेहत का खजाना भी कहा जाता है। गुड का सेवन करने से पाचन तंत्र सही रहता है। यह प्राकृतिक तरीके से ताजे गन्ने के रस से तैयार किया जाता है, चूँकि इसके सेवन से सर्दी कम लगती है इसलिए सर्दियों में इसका सेवन अधिक मात्रा में किया जाता है। सर्दी के दिनों में गुड़ का प्रयोग अमृत के समान माना गया है। इसकी तासीर गर्म होती है इसी कारण इसके सेवन से सर्दी, जुकाम और कफ से शीघ्र ही राहत मिलती है। गुड़ के सेवन से गले और फेफड़ों के संक्रमण के इलाज में बहुत अधिक सहायता मिलती है। गुड़ में मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। गुड़ खाने से हमारे शरीर की मांसपेशियों, नसों और रक्त वाहिकाओं को थकान से राहत मिलती है। गुड़ पोटेशियम का भी अच्छा स्रोत माना गया है। गुड के नियमित रूप से सेवन से शरीर का रक्तचाप नियंत्रित रहता है। जिन लोगो के शरीर में खून की कमी होती है गुड़ उनके लिए वरदान है। गुड में आयरन बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है इसलिए इसके सेवन से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढाने में सहायता मिलती है। गुड़ पेट की समस्याओं को दूर करने में बहुत ही सहायक होता है। गुड के नियमित सेवन से पेट में गैस बनना और पाचन सम्बन्धी सभी समस्याएं दूर रहती है। खाना खाने के बाद गुड़ का सेवन करने से पाचन तंत्र सुचारू रूप से कार्य करता है। गुड़ में कैल्शियम, फास्फोरस और जस्ता भी होता है जो हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है। जिन महिलाओ को मासिक धरम के दौरान दर्द रहता हो उन्हें गुड़ खाने से दर्द में राहत मिलती है। गुड हमारी त्वचा के लिए अत्यंत लाभकारी है। गुड के सेवन से रक्त साफ होता है, त्वचा में निखर आता है, कील मुहांसो की परेशानियाँ भी दूर रहती है। गुड खाने से हमें तुरंत ऊर्जा मिलती है जब भी थकान या कमजोरी महसूस हो तो गुड खाएं इससे तुरंत आराम मिलता है। गुड में एलर्जी से लड़ने वाले तत्व होते है इसलिए दमा के मरीजो के लिए गुड का सेवन बेहद फायदेमंद रहता है।