माना जाता है कि मनी प्लांट का पौधा घर में लगाने से घर में धन का आगमन बढ़ता और सुख-समृद्धि में इजाफा होता है। ऐसी मान्यता के कारण बहुत से लोग अपने घरों में मनी प्लांट का पौधा लगाते हैं। लेकिन मनी प्लांट को लगाने के बाद भी धनागमन में कोई अंतर नहीं होता है बल्कि कई बार आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। इसका कारण वास्तु विज्ञान में बताया गया है। लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार यह पौधा घर में उचित दिशा में नहीं लगाया गया है तो आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
1. वास्तु शास्त्रियों का मानना है कि मनीप्लांट के पौधे के घर में लगाने के लिए आग्नेय दिशा सबसे उचित दिशा है। इस दिशा में यह पौधा लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का भी लाभ मिलता है।
2. मनीप्लांट को आग्नेय यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाने का कारण यह है कि इस दिशा के देवता गणेशजी हैं जबकि प्रतिनिधि शुक्र हैं।
3. गणेशजी अमंगल का नाश करने वाले हैं जबकि शुक्र सुख-समृद्धि लाने वाले। यही नहीं, बल्कि बेल और लता का कारण शुक्र ग्रह को माना गया है। इसलिए मनीप्लांट को आग्नेय दिशा में लगाना उचित माना गया है।
4. मनीप्लांट को कभी भी ईशान यानी उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं लगाना चाहिए।
5. यह दिशा इसके लिए सबसे नकारात्मक मानी गई है, क्योंकि ईशान दिशा का प्रतिनिधि देवगुरु बृहस्पति माना गया है और शुक्र तथा बृहस्पति में शत्रुवत संबंध होता है।
6. इसलिए शुक्र से संबंधित यह पौधा ईशान दिशा में होने पर नुकसान होता है। हालांकि इस दिशा में तुलसी का पौधा लगाया जा सकता है।
आर्थिक नुकसान भी पहुंचा सकता है मनी प्लांट
वास्तु विज्ञान के अनुसार हर पौधे के लिए एक दिशा निर्धारित है। अगर उचित दिशा में पेड़-पौधा लगाते हैं तो वातावरण की सकारात्मक उर्जा का लाभ मिलता है। लेकिन गलत दिशा में वृक्षारोपण करने से लाभ की बजाय नुकसान होने लगता है। वास्तु विज्ञान में मनी प्लांट का पौधा लगाने के लिए आग्नेय दिशा यानी दक्षिण-पूर्व को उत्तम माना गया है। आग्नेय दिशा के देवता गणेश जी हैं और प्रतिनिधि ग्रह शुक्र है। गणेश जी अमंगल का नाश करते हैं और शुक्र सुख-समृद्धि का कारक होता है। बेल और लता का कारक शुक्र होता है इसलिए आग्नेय दिशा में मनी प्लांट लगाने इस दिशा सकारात्मक प्रभाव प्राप्त होता है।
मनी प्लांट के लिए सबसे नकारात्मक दिशा ईशान यानी उत्तर पूर्व को माना गया है। इस दिशा में मनी प्लांट लगाने पर धन वृद्धि की बजाय आर्थिक नुकसान हो सकता है। ईशान का प्रतिनिधि ग्रह बृहस्पति है। शुक्र और बृहस्पति में शत्रुवत संबंध होता है क्योंकि एक राक्षस के गुरू हैं तो दूसरे देवताओं के गुरू। शुक्र से संबंधित चीज इस दिशा में होने पर हानि होती है। वास्तु विज्ञान के अनुसार उत्तर पूर्व दिशा के लिए सबसे उत्तम तुलसी का पौधा होता है। इसलिए ईशान दिशा में मनी प्लांट लगाने की बजाय चाहें तो तुलसी लगा सकते हैं। अन्य दिशाओं में मनी प्लांट का पौधा लगाने पर इसका प्रभाव कम हो जाता है।