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High Blood Pressure उच्च रक्तचाप के कारण, लक्षण, उपचार Cause Symptoms and Treatment for Hypertension

High Blood Pressure उच्च रक्तचाप के कारण, लक्षण, उपचार Cause Symptoms and Treatment for Hypertension

 

आज पूरी दुनिया मे उच्च रक्तचाप यानि कि, हाइपर टेन्‍शन एक गंभीर समस्या बनी हुई है। आम भाषा में हम इसे हाई ब्‍लड प्रेशर यानी बीपी कहते हैं। यह एक जानलेवा बीमारी है। हाई ब्‍लड प्रेशर एक शांत ज्वालामुखी की तरह है, जिसमे बाहर से कोई लक्षण या खतरा दिखाई नहीं देता, पर जब यह ज्वालामुखी, फटता है तो हमारे शरीर पर लकवा और हार्ट अटैक जैसे गम्भीर परिणाम हो सकते है। पहले यह माना जाता था की यह समस्या उम्रदराज लोगों की समस्या है, लेकिन बदलते माहौल मे हाइपर टेन्‍शन की समस्या बच्चों और युवाओं मे भी फैलती जा रही है।

क्या होता है ब्‍लड प्रेशर.


दोस्‍तों धमनियो मे रक्त के दबाव को बढ़ने को ब्‍लड प्रेशर कहते है। धमनिया शरीर मे रक्त वाहिकाए होती है जो हृदय से रक्त को सभी अंगो तथा ऊतको तक पहुंचाती है। ब्‍लड प्रेशर को मापने की इकाई मिलीमीटर अथवा मर्करी है। इसे फिग्‍मोमैनोमीटर से मापा जाता है। ब्‍लड प्रेशर को दो संख्याओ मे मापा जाता है। उदाहरण के तौर पर स्‍वस्‍थ व्‍यक्ति का ब्‍लड प्रेशर 120 बाई 80 एमएम माना जाता है। जबकि इसका माप 140 बाई 90 एमएम हो तो इसे हाई ब्‍लड प्रेशर माना जाता है।

हाइपर टेन्‍शन के ज़्यादातर लोगो में कोई खास लक्षण नहीं होते है। कुछ लोगो में ज्यादा ब्‍लड प्रेशर बढ़ जाने पर सरदर्द होना, ज़्यादा तनाव, सीने में दर्द या भारीपन, सांस लेने में परेशानी, अचानक घबराहट, समझने या बोलने में कठिनाई, चहरे, बांह या पैरो में अचानक सुन्नपन, झुनझुनी या कमजोरी महसूस होना या धुंदला दिखाई देना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.

क्यों होता है हाइपर टेन्‍शन.


यदि हम हाइपर टेन्‍शन के कारणों की बात करें तो, आनुवंशिकता हाइपर टेन्‍शन का मुख्य कारण है। अगर किसी परिवार मे हाई ब्‍लड प्रेशर की समस्या होती है, तो उनकी अगली पीड़ी भी इस समस्या से ग्रस्त हो जाती है। यह व्यक्तियों के जीन्‍स का एक पीड़ी से दूसरी पीड़ी मे स्थानान्तरण होने की वजह से होता है।

शोध एवं अनुसंधानो से स्पष्ट हो चुका है की मोटापा हाई ब्‍लड प्रेशर का बहुत बढ़ा कारण है। एक मोटे व्यक्ति मे हाई ब्‍लड प्रेशर का खतरा एक सामान्य व्यक्ति की तुलना मे बहुत बढ़ जाता है। साथ ही व्यायाम की कमी यानी खेल-कूद, व्यायाम, एवं शारीरिक क्रियाओ मे भाग न लेने से भी हाई ब्‍लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है। जैसे जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है रक्त वाहिकाओं की दीवारे कमजोर होती जाती हैं जिससे हाई ब्‍लड प्रेशर की समस्या पैदा हो जाती है। ब्‍लड प्रेशर की बीमारी में कई और बीमारियां भी अपना योगदान देती है जैसे हृदयघात, हृदय की बीमारियाँ, गुर्दो का फ़ेल होना, रक्त वाहिकाओ का कमजोर होना आदि बीमारियो के कारण हाई ब्‍लड प्रेशर हो जाता है। इन कारणो के अलावा अधिक नमक का सेवन और अत्यधिक मात्रा मे अल्कोहल, धूम्रपान अवम कॉफी का सेवन करने से हाई ब्‍लड प्रेशर की समस्या पैदा हो सकती है।

कैसे बचें हाइपर टेन्‍शन यानी कि हाई ब्‍लड प्रेशर से.


हाई ब्‍लड प्रेशर के लक्षण कई सालों और दशकों तक दिखाई नहीं देते। इसलिए इसे silent killer भी कहा जाता है। इससे बचने के लिए व्यक्ति को समय समय पर अपने ब्‍लड प्रेशर को चेक करवाते रहना चाहिए। यदि सही समय पर इसका इलाज न करवाया गया तो हाई ब्‍लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए दवाइयो का सहारा लेना पढ़ेगा और दवाइयो के नियमित सेवन से व्यक्ति की जीवन शैली ही बदल जाती है।

यदि आप हाई ब्‍लड प्रेशर की परेशानी से बचना चाहते हैं तो कुछ उपाये है जिन्‍हे फोलो करके आप इस बीमारी से बच सकते हैं. मोटापे को नियंत्रित करने, नियमित व्यायाम करने, गहरी नींद लेने, तनाव मुक्त रहने और उचित आहार लेने से हाई ब्‍लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है। ज्यादा अल्कोहल, धूम्रपान का प्रयोग और नशीली दवाओ का सेवन करने से हाई ब्‍लड प्रेशर के होने की संभावना होती है. इसलिए इनका प्रयोग नहीं करना चाहिए। यदि आप मधुमेह के रोगी है तो शुगर को नियंत्रित करें। तनाव से बचने और खुश रहने की आदत डालनी चाहिए और गहरी नींद लेनी चाहिए।

हाई ब्‍लड प्रेशर से बचने के लिए भोजन का बहुत महत्व है अगर उचित भोजन लिया जाए तो इससे बचा जा सकता है। भोजन मे नमक का उपयोग कम मात्रा में होना चाहिए. पोटैशियम को उचित मात्रा मे लेने से ब्‍लड प्रेशर का स्तर अच्छा हो जाता है। इसके अलावा आहार मे फल, जैसे केला, संतरा, नाशपाती, टमाटर, सूखे मटर, बादाम और आलू अवश्य शामिल करें, क्योकि इनमे पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है। चिकनाई या बसा वाला खाना कम मात्रा में खाये।

हर इंसान को ३० साल की उम्र के बाद साल में कम से कम एक बार अपने ब्‍लड प्रेशर की जांच जरूर करानी चाहिए। जिन लोगो के परिवार में ब्‍लड प्रेशर का इतिहास है, उन्हें २० साल की उम्र के बाद से ही हर साल ब्‍लड प्रेशर की जांच कराना चाहिए।